खुशहाली
January 19, 2012 at 9:26pm
हाथ खाली,पेट खाली,थाली खाली।
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारात मे खुशहाली। ।
*
चोट और चोर
चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।
चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।
चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।
(पूनम माथुर)
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारात मे खुशहाली। ।
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चोट और चोर
चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।
चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।
चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।
(पूनम माथुर)
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