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Friday 13 November 2015

खुशहाली -------- पूनम

खुशहाली

January 19, 2012 at 9:26pm
हाथ खाली,पेट खाली,थाली खाली।
जेब खाली,आना खाली,जाना खाली।
फिर क्यों करते हो गैरों की दलाली।
फिर क्यों करते हो चोरों की रखवाली।
क्यों नहीं लाते हो भारात मे खुशहाली। ।

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चोट और चोर 

चोट भीतर घाव करता है,
चोर बाहर घाव करता है।

चोट का निशान मिटा नहीं करता है,
चोर दगाबाजी करता है।

चोट समय-समय पर दर्द दिया करता है,
चोर समय-समय पर माल उड़ाया करता है। ।

(पूनम माथुर)

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