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कठिन परिस्थितियों के बावजूद नारी को खुद अपनी राह बनानी होगी :
नारी को लोग कभी देवी - कभी अबला कह कर पता नहीं क्या - क्या उपमाएँ तो देते रहते हैं लेकिन वास्तविक अधिकार नहीं। आज भी नारी जंजीरों में ही जकड़ी हुई है - घर, समाज, देश सभी जगहों में।
कभी - कभी तो लगता है, क्या नारी होना अपमान है ?
कठिन परिस्थितियों के बावजूद नारी को खुद अपनी राह बनानी होगी :
नारी को लोग कभी देवी - कभी अबला कह कर पता नहीं क्या - क्या उपमाएँ तो देते रहते हैं लेकिन वास्तविक अधिकार नहीं। आज भी नारी जंजीरों में ही जकड़ी हुई है - घर, समाज, देश सभी जगहों में।
कभी - कभी तो लगता है, क्या नारी होना अपमान है ?
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